नगरी- ग्राम पंचायत बेलर में गुरुवार को गोंडवाना समाज सेवा समिति (युवा प्रभाग) के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर बेलर बंद एवं धरना प्रदर्शन किया गया। यह आंदोलन एक आदिवासी महिला के साथ छेड़खानी व दुष्कर्म के प्रयास के आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की मांग को लेकर किया गया। समाज के लोगों ने सुबह से ही ग्राम पंचायत बेलर के बाजार, संस्थान और परिवहन को पूर्ण रूप से बंद कर प्रशासन के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया।
समाज के नेताओं और उपस्थित जनों ने कहा कि आदिवासी समाज अपनी माताओं-बहनों के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई है जिसमे पूरा मामला ग्राम कसपुर के महिला के साथ दिनांक 03 अक्टूबर 2025 को मनोहर दास मानिकपुरी (अध्यक्ष, भाजपा मंडल बेलरगांव) द्वारा कथित रूप से उसके घर में घुसकर दुष्कर्म करने का प्रयास किया गया। इस संबंध में पीड़िता ने 07 अक्टूबर 2025 को थाना बोराई में एफआईआर दर्ज कराई थी।हालांकि घटना के कई दिन बीत जाने के बावजूद आरोपी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त है। पुलिस प्रशासन की उदासीनता से नाराज़ गोंडवाना समाज ने आज 09 अक्टूबर 2025 को बेलरगांव को बंद कर धरना-प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में उठी कड़ी मांगें
धरना स्थल पर उपस्थित समाज के प्रबुद्ध जनों ने कहा कि यह घटना अत्यंत निंदनीय है और इसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक पीड़ित महिला को न्याय नहीं मिलता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। जिसमे समाज ने शासन-प्रशासन को आह्वावान की यदि शीघ्र ही आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई तो यह उग्र आंदोलन का रूप ले लेगा, और आगे होने वाली किसी भी अप्रिय घटना की पूरी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।
कार्यक्रम में प्रमुख जनप्रतिनिधि इस अवसर पर क्षेत्र की विधायक अंबिका मरकाम, पूर्व विधायक श्रवण मलखान, वेद प्रकाश मांडवी, सुरेश कोर्राम, राजेश मरकाम, दिनेश मांडवी, पोखन नेताम, चैतन नेताम, सुभाष सौरी सहित बड़ी संख्या में गोंडवाना समाज के सदस्य, महिला मंडल एवं युवा वर्ग उपस्थित रहे।सभा के दौरान वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि गरीब आदिवासी महिला को न्याय दिलाने की यह लड़ाई समाज की अस्मिता की लड़ाई है और यह तब तक जारी रहेगी जब तक न्याय नहीं मिलता।
समाज का एकजुट संकल्प गोंडवाना समाज ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपी को तत्काल गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति आदिवासी समाज की महिलाओं के साथ ऐसी अमानवीय हरकत करने का साहस न कर सके।
सभा के अंत में समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि न्याय मिलने तक यह आंदोलन जारी रहेगा और आवश्यकता पड़ी तो इसे जिला स्तर तक विस्तारित किया जाएगा।
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