बिलासपुर। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत आज मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में जिले के सभी विकासखंडों के बीएमओ, बीपीएम, बीएएम, बीडीएम, बीटीईओ, एनएमए, सीपीएम, सीडीएम, मितानिन समन्वयक एवं मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में कुष्ठ रोग उन्मूलन के प्रति जागरूकता बढ़ाने और शीघ्र पहचान सुनिश्चित करने हेतु जिले में चलाए जाने वाले आगामी विशेष अभियान की तैयारियों की समीक्षा की गई।
बैठक की अध्यक्षता सीएमएचओ डॉ. श्रीमती शुभा गरेवाल ने की। उन्होंने अधिकारियों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कुष्ठ रोग पूरी तरह से उपचार्य है और प्रारंभिक अवस्था में पता चलने पर इसका उपचार अत्यंत सरल है।
उन्होंने आह्वान किया कि अभियान अवधि में प्रत्येक कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों की जांच करे तथा संदिग्ध लक्षण मिलने पर तत्काल चिकित्सकीय परामर्श एवं दवा उपलब्ध कराई जाए।
जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. गायत्री बांधी ने लेप्रोसी केस डिटेक्शन कैंपेन (LCDC) की कार्यप्रणाली, रिपोर्टिंग प्रणाली, संदिग्ध मामलों की पहचान तथा फॉलोअप प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 08 दिसंबर से 31 दिसंबर 2025 तक चलने वाले इस विशेष अभियान में पूरे जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को कवर करते हुए एक व्यापक सर्वे किया जाएगा।
अभियान के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता डोर-टू-डोर जाकर त्वचा पर धब्बे, सुन्नपन, संवेदना में कमी जैसे कुष्ठ रोग से संबंधित लक्षणों की जांच करेंगे। गंभीर या संदिग्ध रोगियों को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में भेजा जाएगा, जहाँ उन्हें निःशुल्क दवा एवं उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।
बैठक में जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई से डीपीएम प्यूली मजूमदार, ताहिर शेख, आशीष सिंह, ए. सरिता, एस.के. सर्वे सहित विभिन्न स्वास्थ्य अधिकारी एवं मितानिन समन्वयक उपस्थित थे।
सभी ने अभियान को सफल बनाने के लिए टीम के बेहतर समन्वय, समयबद्ध रिपोर्टिंग और सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया।
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