गांव कोहिनपारा जहाँ मध्याह्न भोजन के बाद नन्हे–नन्हे विद्यार्थी स्वयं बर्तन धोते हुए दिखाई दिए.....

नगरी  - प्राथमिक शाला गेदरा आश्रित गांव कोहिनपारा से एक चिंताजनक तस्वीर सामने आई है, जहाँ मध्याह्न भोजन के बाद नन्हे–नन्हे विद्यार्थी स्वयं बर्तन धोते तस्वीर दिखाई दिए। विद्यालय में उपलब्ध रसोइया भोजन बनाने के बाद स्कूल परिसर से मीटिंग चले गए, उसके बाद सभी बच्चे खाना खाएं उसके बाद जिसके बाद 6 से 9 वर्ष आयु के छोटे बालक बर्तन के पीछे काले को जोरो से साफ सफाई करते नज़र आए। यह दृश्य न सिर्फ नियमों के खिलाफ है, बल्कि बच्चों के प्रति लापरवाही और गंभीर उदासीनता को दर्शाता है।
जानकारी के अनुसार, नगरी विकासखंड मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत गेदरा के प्राथमिक शाला कोहिनपारा मे छोटे-छोटे बच्चों से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि "रसोइया ने ही बर्तन धोने को कहा था"। यह बात बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है कि इतने छोटे बच्चों को श्रम के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जबकि यह पूर्णतः नियम विरुद्ध है।

जब इस संबंध में विद्यालय के संस्था प्रमुख से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि “मेरे द्वारा किसी भी बच्चे को बर्तन धोने के लिए नहीं कहा गया है, बच्चे स्वयं ऐसा कर रहे होंगे।” लेकिन बड़ा प्रश्न यह उठता है कि यदि विद्यालय प्रमुख बच्चों की गतिविधियों पर नजर ही नहीं रख पा रहे हैं, तो बच्चों की सुरक्षा, देखरेख और शिक्षा का जिम्मा आखिर किसके हाथों में है? विद्यालय प्रबंधन की यह लापरवाही स्पष्ट रूप से कई सवाल खड़े करती है।
वही प्राथमिक शाला में छोटे बच्चों से श्रम करवाए जाने का मामला शिक्षा व्यवस्था और बच्चों की सुरक्षा पर गहरा सवाल खड़ा करता है। यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि इस बात की भी आवश्यकता बताती है कि विद्यालयों में बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा हेतु सख्त निगरानी और नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए।
इस पूरे मामले पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी से चर्चा करने पर उन्होंने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि “छोटे बच्चों से इस तरह का कार्य करवाना पूर्णतः नियमों के विपरीत है। जांच कर संबंधित जिम्मेदार शिक्षकों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध उचित एवं दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।”

إرسال تعليق

0 تعليقات