नगरी - स्वच्छ भारत मिशन की भावना को कमजोर करने वाली तस्वीर विकासखंड नगरी के अंतिम छोर स्थित ग्राम करही आश्रित गांव जोरातराई में उजागर हुई है, जहाँ लगभग 4 लाख रुपये की लागत से निर्मित सामुदायिक सार्वजनिक शौचालय दो वर्षों से अधूरा और बंद पड़ा हुआ है।
जिसमे शौचालय परिसर पर शौचालय का करें उपयोग—मिटे गंदगी, भागे रोग”, “स्वच्छ भारत”, “बेटी-बहू की लाज है शौचालय” जैसे प्रेरक नारे अब बदइंतजामी के प्रतीक बनकर रह गए हैं
भवन के दरवाजों पर ताले जड़े हुए हैं शौचालय के अंदर जैसे निर्माण कार्य टाइल्स फिटिंग,टंकी, नल-फिटिंग सहित अधिकांश निर्माण कार्य अधूरे हैं। स्थानीय कुछ ग्रामीणों का कहना है कि शौचालय निर्माण लंबे समय से अधूरा पड़ा है, कई बार पूर्व सरपंच को अवगत कराने पर भी किसी ने ध्यान नहीं दिया। गांव में कुछ कार्यकम साथ घर पर आने वाले मेहमानों और महिलाओं को खुले में शौच की मजबूरी का सामना करना पड़ता है। जिसमे ग्रामीणों को कापी परेशानी समाना करना पड़ रहा है
शौचालय के आसपास कचरा और गंदगी का अंबार प्रशासनिक उदासीनता की पोल खोल रहा है।ग्रामीणों ने मांग की है कि अधूरा शौचालय शीघ्र पूरा कर स्वच्छ भारत मिशन की वास्तविक भावना को पुनर्जीवित किया जाए।
पूर्व सरपंच ने बताया कि सचिव के द्वारा शौचालय का निर्माण कार्यों देख रेख निर्माण कराया जा रहता था सभी पेमेंट उसके द्वारा किया जाता था
वर्तमान सरपंच ने बताया कि उन्होंने पद संभालने के बाद इस कार्य के संबंध में सचिव से जानकारी ली। सचिव ने बताया था कि राशि निकाली जा चुकी है और जल्द ही काम पूरा किया जायेगा, लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है। सरपंच का आरोप है कि सचिव इस कार्य में गंभीर नहीं है, जबकि भुगतान का पेमेंट उसी के पास है।
वही इस संबंध में ग्राम पंचायत सचिव से जानकारी चाहिए फोन रिसीव नहीं किया गया
इस मामले पर जनपद पंचायत नगरी के सीईओ रोहित बोरझा ने कहा कि “यह जानकारी अभी मेरे संज्ञान में आई है। संबंधित अधिकारियों को तत्काल जांच कर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे।”
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